मेरे लफ्ज़ मेरी कहानी - 4 monika kakodia द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें मेरे लफ्ज़ मेरी कहानी - 4 मेरे लफ्ज़ मेरी कहानी - 4 monika kakodia द्वारा हिंदी कविता 77 267 मैं एक लेखिका हूँ इस नाते ये मेरा दायित्व है कि लोगों की सोच पर पड़ी हुई गर्द को अपने अल्फ़ाज़ से साफ कर दूँ , हो सकता है ये गर्द पूरे तरीके से ना गिरे पर यक़ीनन कुछ ...और पढ़ेसाफ जरूर नज़र आएगा। ©मोनिका काकोड़ियासोचती हूँ तुझे हर्फ़ दर हर्फ़ लिख दूँफिर सोचती हूँ,जाने कौन कौन पढ़ ले✍️जलती धूप में नंगे पांव सड़कों पर भागता बचपनसर्दी में ठिठुरता, बारिश में भीगता हुआ बचपनशायद गाड़ियों में अपना भगवान तलाशता है✍️बड़ा उल्लास था घर में महीनों सेआज क्यों इतनी ख़ामोसी आ पसरीलगता है फिर " लक्ष्मी" चली आयी✍️रहीने कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मेरे लफ्ज़ मेरी कहानी - उपन्यास monika kakodia द्वारा हिंदी - कविता (14) 1.7k 2.7k Free Novels by monika kakodia अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर monika kakodia फॉलो