कीमती साड़ी monika kakodia द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें कीमती साड़ी कीमती साड़ी monika kakodia द्वारा हिंदी लघुकथा (12) 290 569 कीमती साड़ी" माँ ! कहाँ रखी हैं अलमारी की चाबियाँ ? दो ना जल्दी से " दीपू राजधानी एक्सप्रेस की गति से मां के कमरे में चिल्लाती हुए आयी और पूरे कमरे में इधर से उधर लम्बें-लम्बें कदमों से ...और पढ़ेलगी।"अरे दीपू तू ही देख ना बेटा यहीं कहीं रखी होगी" माँ ने रसोईघर में से ही दीपू को जवाब दिया । माँ अक्सर चाबियाँ इधर उधर रखकर भूल जाया करती थी, आज भी कुछ ऐसा ही हुआ।"ओहो माँ ! आप भी ना , कुछ भी ध्यान नहीं रहता है आपको, ऐसे चाबियाँ रखकर कौन भूलता है भला ? सही कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर monika kakodia फॉलो