काश में माँ न होती Neerja Dewedy द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें महिला विशेष किताबें काश में माँ न होती काश में माँ न होती Neerja Dewedy द्वारा हिंदी महिला विशेष 376 669 काश! मैं माँ न होती आकाश में घने बादल छाये थे. रह-रह कर बिजली कड़कती थी. जनवरी की ठंड में सरसराती हवा के साथ खिड़की से आती वर्षा की फुहारों से प्राची कँपकँपा उठी. शाल को कंधे से ...और पढ़ेसर पर लपेटते हुए वह खिड़की के दरवाज़े बंद करने को आगे बढ़ी तो बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ चमकती हुई बिजली कड़कड़ाते हुए समीप ही नीचे धरती में समा गई. उसके तीव्र प्रकाश में अपने घर के मुख्य द्वार के पास रक्खे नगर निगम के डस्टबिन के समीप बने चबूतरे पर बैठी एक छाया को देख कर कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर Neerja Dewedy फॉलो